मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
अंगी पहनी चुनरी ओढ़ी, माथे पे बिंदिया लगाई।माथे पे बिंदिया लगाई।🦚🦚🦚🦚 केस संवारे मांग भरी और, होठा लाली लगाई।वो होठ में लाली लगाई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚 होठों ने रंगया करया, गोरा गोरा गाल रे।नंद जी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
धर चुडलो सिरपर बनवारी,चाल चले मतवारी। चाल चले मतवारी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 गली गली में हेलो देवे, चुड़लों ले लो प्यारी।चुडलो ले लो प्यारी ।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚आज गली में आई,मनिहारी कमाल रे। नंद जी को लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
राधे की ड्योढ़ी पर जाकर, बोले श्याम कन्हाई। बोले श्याम कन्हाई। 🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 मथुरा की मैं हूं मनिहारी, चुड़लो ले लो माई। चुडलो ले लो माई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 देखो मैं चूड़ी लाई, हरी और लाल रे ।नंद जी को लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
राधे जी आवाज सुनी जब, महला नीचे आई।महला नीचे आई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚मनिहारी को रूप देखकर, मन ही मन मुस्काई।मन ही मन मुस्काई।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 मनिहारी नहीं या तो, काली कुछ दाल रे। नंद जी को लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
हाथ पसार के बोली राधे, यो चुडलो पहरा दे। यो चुड़लो पहरादे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 मोडी कलाई कृष्ण कन्हाई, आंख ने थोड़ी दबाके।आंख ने थोड़ी दबाके।🦚🦚🦚🦚 दिनदहाड़े या तो छलिया की चाल रे। नंद जी को लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
मनिहारी बनके आयो, नंदजी रो लाल रे।🦚 नंदजी रो लाल म्हारो मदन गोपाल रे।
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