दिल की हर धड़कन से, तेरा नाम निकलता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।
जन्मों से जनम लेकर, में हार गया मोहन।२।दर्शन बिन व्यर्थ हुवा, हर बार मेरा जीवन।अब धैर्य नहीं मुख में,इतना तूं परखता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।
दिल की हर धड़कन से, तेरा नाम निकलता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।
क्या खेल सजाया है,मोहरों की तरह हमको।क्या खूब नचाया है,कठपुतली सा हमको।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ये खेल तेरे न्यारे,बस तूं ही समझता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।
दिल की हर धड़कन से, तेरा नाम निकलता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।
ये दिल पुकारता है,एकबार चले आओ।२।दर्शन देकर प्यारे,मेरी बिगड़ी बना जाओ।प्रीतम मेरे दिल में,अरमान मचलता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।
दिल की हर धड़कन से, तेरा नाम निकलता है।तेरे दर्शन को मोहन,तेरा दास तरसता है।