एकदीन मैया पार्वती,भोले से लगी कहने।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
मैंने लक्ष्मी को देखा,मैंने देखी इंद्राणी। तीनों लोकों में जाकर, देखी रानी महारानी।🌹 एक से बढ़कर एक सभी ने, आभूषण पहने।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
बात सुनकर गौरा की, भोले ने यह समझाया। एक औघड़ दानी के, पास ना होती माया।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जो जैसे रहता है उसको, वैसे दो रहने।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
चुटकी भर भस्मी दे दी, बोले कुबेर के जाना। वहां से इसके जितना तोल के सोना लाना।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 चुटकी भर में क्या हो,गोरा सोच रही मन में।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
एक पलड़े पर सोना, एक में भस्मी डाली। सोना रख डाला सारा, पलड़ा भस्मी का भारी। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹हूवा खजाना खाली कुछ भी,बचा नही धरने।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
देख भस्मी की माया, खुली गोरा की आंखें। माथे पर भस्मी लगाई, बोली भोला से जाके।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 क्यों जाऊं औरों के खजाने, भरा मेरे घर में। तुम से ही श्रृंगार मेरा,और तुम हो मेरे गहने।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
भस्म की महिमा भारी, रमें भोले के अंग में।लगा लो टीका इसका,रहेंगे भोले संग में।भोले खुद ही बसते हैं,भस्मी के कण कण में।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२
एकदीन मैया पार्वती,भोले से लगी कहने।मुझको भी घड़वादो स्वामी,सोने के गहने।२