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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Are kanho aayo chudi bechan ne अरे कान्हो आयो चूड़ी बेचन ने,कृष्ण भजन

अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।

तर्ज,म्हारी चंद्र गवर्जा

अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२।

मनिहारी को रूप बनायो, कांधे झोली टांगी ।बड़ो ही सोहनो रूप लाग रहयो,चमक रही है आंगी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

गली गली में हेलो मारे,आई नई मनिहारी।सखियां सारी भागी आई,उचके राधा प्यारी रे।अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

ठुमक ठुमक कर चाले छलियों,ऐसी गजब की चाल।घुंघटिया सूं निरखे राधा ने,झटक झटक कर बाल रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

चूड़ी की दीवानी राधा,खुद ने रोक ना पाई।बोली रे मनिहारी दिखादे, चुड़लो म्हारे तांई रे।अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

मुस्कायों गिरधारी सोच्यों,युक्ति काम है आई। पकड़यो हाथ जब राधिका को,धीरे दबाई कलाई रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

नैन सुं नैन मिलगया राधा,मन ही मन शरमाई।कैसी अजब या चाल चली है,महास्युं मिलवा तांई रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

कहे मुरारी रूप धरूं में, जग में कई प्रकार।भगतां मेरा समझ ही जावे, जद पड़े है दरकार रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹अरे कान्हो आयो,चूड़ी बेचन ने धोली दोपरां।२

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