तर्ज,सावन का महीना
रणत भवन से आओ, हे रिद्धि सिद्धि रा दातार संकट हारी हो रही थारी जग में जय जय कार
मां जगदंबा थारो लाड लड़ायो। पालने झुलायो थाने गोद खिलायो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 शिव शंकर भोले रो, थे पाया प्यार दुलार।संकट हारी हो रही थारी, जग में जय जय कार।
दूंद दूंदालो बाबा, सूंड सुंडाला।भीड़ पड़यां यो बाबो बने रखवालो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ठुमक ठुमक कर नाचे, बाजे पायल की झंकार।संकट हारी हो रही थारी,जग में जय जय कार।
मोदक प्रिय मूद मंगल दाता। सूर नर किन्नर बाबा भाग्य विधाता।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 गणनायक बरदायक, थे देवा रा सरदार।संकट हारी हो रही थारी, जग में जय जय कार।
प्रथम मनावां ध्यावां, गणपत राजा। विघ्न हरहूं सब सारहूं काजा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 सेवा मंडल है थारी, थारी ही पूजन हार।संकट हारी हो रही थारी, जग में जय जय कार।