तर्ज,चरणों का थारे दादी
सबसे पहल्यां महे घर का देव मनावां।पूजा करा हां थारा गुण गावां।घर का देव मनावां।
घर का देव पितर देव, लियो शरणों थारो जी। कर दो प्रकाश देवा, मैंटो अंधकारो जी।☀️☀️ चरणों में देवा थारे चित्त लावां।घर का देव मनावां।
थारे भरोसे देवा नाव चलावां जी। थारो जब सिर पर हाथ, महे क्यों घबरावां जी।☀️☀️☀️ बालक हां थारे आगे, शीश नवावां।घर का देव मनावां।
जो भी बुद्धि में आसी, करता रहवां थारो जी। टाबरिया ने पितर देवा, थारो ही सहारो जी । टाबर थारा होकर क्यों, दुख पावां।☀️☀️☀️घर का देव मनावां।