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श्याम भजन लिरिक्स

Shyam bhajan,lut raha lut raha, लुट रहा लुट रहा लुट रहा रे

लुट रहा लुट रहा लुट रहा रे, श्याम का खजाना लूट रहा रे।

लुट रहा लुट रहा लुट रहा रे, श्याम का खजाना लूट रहा रे। बाबा का खजाना लूट रहा रे।२।

लूट सके तो लूट ले बंदे, काहे देरी करता है। ऐसा मौका फिर न मिलेगा, सबकी झोली भरता है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 इनकी शरण में आकर के, जो भी मांगा मिल गया रे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚लुट रहा लुट रहा लुट रहा रे, श्याम का खजाना लूट रहा रे।

हाथों हाथ मिलेगा पर्चा, यह दरबार निराला है। घर घर पूजा हो कलयुग में, भक्तों का रखवाला है ।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚जिसने भी इसका नाम लिया, किस्मत का ताला खुल गया रे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚लुट रहा लुट रहा लुट रहा रे, श्याम का खजाना लूट रहा रे।

इसके जैसा इस दुनिया में, कोई भी दरबार नहीं। ऐसा दयालु है बनवारी, करता कभी इनकार नहीं।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 कौन है ऐसा दुनिया में, जिसको यह बाबा नट गया रे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚लुट रहा लुट रहा लुट रहा रे, श्याम का खजाना लूट रहा रे।

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