तर्ज, चलो देखन ने बाईसा थारो बिरो
चालो देखन ने राधेजी थारो कान्हो नाचे रे। चालो देखने ने। कान्हो नाचे रसियो नाचे गोविंद नाचे रे। चालो देखने ने
या रसिया की टोली देखो,ढोलक चंग बजावे रे। घूमर घाले कानूडो, लूड लूड नाचे रे।चालो देखने ने।
बनकर बिंद सेवरों बांधे,होली को यो रसियो रे। मुरली वालों गोविंदो, सागे नाचे रे।चालो देखने ने।
बरसाने से आयो बुलाओ, होली खेलन आओ रे। तनसुख मनसुख ग्वाल बाल की, टोली लायो रे।चालो देखने ने।
ग्वाल बाल की टोली सारी, बरसाने में आई रे। गोखा बैठी राधे जी, घुंघट से झांकी रे।चालो देखने ने।
चंद्र सखी भज बालकृष्ण छवि, हरि चरण में राखो जी। गोविंद के चरणों में म्हारो चित्तडो लागेजी।चालो देखने ने।