तर्ज,मुरली जोर की बजाई
चुटकी जोर की बजाई रे बजरंग बाला २
राम की धुन में सुध बुध खोई, बैठया रह गया चरणा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तो फिर जोर उबासी आई रे,बजरंग बाला। चुटकी जोर की बजाई रे बजरंग बाला।
राम सीता की जोड़ी निरखे, मंद मंद मुसकावे। सीता माता भी शर्माए रे, बजरंग बाला।🌹🌹 चुटकी जोर की बजाई रे बजरंग बाला।
राम का पायक बन गया हनुमत, राम रिझाबे निस दिन ।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सिंदूर मुंह में लगाई रे, बजरंग बाला। चुटकी जोर की बजाई रे बजरंग बाला।
देख के सीता माता अपनी, हंसी ना रोक पाई। बोली हनुमत तेरे जैसा, होगा ना कोई भाई। तूने ऐसी प्रीत कमाई रे, बजरंग बाला।🌹🌹 चुटकी जोर की बजाई रे बजरंग बाला।