तर्ज,श्याम तेरे भरोसे
बालाजी तेरे भरोसे, मेरा परिवार है। तूं ही मेरा सच्चा साथी, तूं ही खेवनहार है ।बालाजी तेरे भरोसे….
हो तेरे जैसा साथी,मुझे क्या चिंता है अब। बेधड़क में सोता हुं,मुझे क्या चिंता है अब। अब तो तेरे भरोसे मेरा घरवार है।बालाजी…..
मैने अब छोड़ी चिंता, साथ जो तेरा पाया। जब भी तुझको पुकारा,सिरहाने अपने पाया।मुझको अहसान तेरा, हो बाबा बेशुमार है।बालाजी…
मुझे अपनों से ज्यादा, तुमने ही प्यार दिया है। जीवन में क्या नहीं पाया, तुमने बेशुमार दिया है। कैसे भूलू में बाबा,तेरा उपकार है।बालाजी..