तर्ज, खड़ी नीम के नीचे
कद सी होसी मैहर सांवरा म्हारे पर। श्याम मिजाजी म्हारो सगलो दारमदार है थारे पर। दारमदार हे थारे पर।
आंख्या मिच्यां बैठ्या हो थे,अब तो पलक उघाडो जी।म्हारा सगला संकट थारी, मोर छड़ी से झाडो जी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 मोर छड़ी से झाडोजी। पसर जावा महेतो दाता द्वारे पर।२। श्याम मिजाजी…
म्हाने एक भरोसो है यो,श्याम सुनाई करलेसी। सांचलिए दरबार के माही, होवेगी म्हारी पेशी। होवेगी म्हारी पेशी । जीव टिकाया बैठ्याँ कामनगारे पर।२।श्याम मिजाजी…
म्हारे मन की बात सांवरा, ना थारे से छानी है। फिर भी थे चुपचाप हो दाता, म्हारे या हैरानी है।म्हारे या हैरानी है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚तालों देकर बैठया थे भंडारे पर।२। श्याम मिजाजी….
दुनिया पीट रही ढिंढोरा, श्याम थारी दातारी को। बिन्नू कह्वे ख्याल करो थे,म्हारी भी लाचारी को।🦚🦚🦚🦚🦚 म्हारी भी लाचारी को। पासो पलटे थारे एक इशारे पर।२।श्याम मिजाजी….