तर्ज,जैसा चाहो मुझे समझना
एक तमन्ना श्याम है मेरी, दिल में बसा लूं सूरत तेरी।हर पल उसी को निहारा करूं मैं, श्याम श्याम मुख से ऊचारा करूं मैं।
रोज सबेरे उठकर बाबा,तुझको शीश नवाऊं मैं। प्रेम भाव से भांति भांति का, नित सिंगार सजाऊ में।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 हाथों से आरती उतारा करूं मैं। श्याम श्याम मुख से उचारा करूं मैं। एक तमन्ना…
इस तन से जो काम करूं मैं, सब कुछ तुमको अर्पित हो। खाऊं जो प्रसाद हो तेरा, पीऊं जो चरणामृत हो।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚चरणों में तेरे गुजारा करूं मैं। श्याम श्याम मुख से उचारा करूं मैं। एक तमन्ना…
कण-कण में है वास तुम्हारा, यह संसार तुम्हारा है ।मेरे भगवन यह जग सारा,ही दरबार तुम्हारा है।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 सब में ही दर्शन तुम्हारा करूं मैं। श्याम श्याम मुख से उचारा करूं मैं ।एक तमन्ना….
भक्तों की विनती प्रभु तुमसे, इतनी कृपा कर देना। चरणों की सेवा मिल जाए, इससे बढ़कर क्या लेना।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 आशुवन से इनको पखारा करूं मैं।श्याम श्याम मुख से उचारा करूं मैं ।एक तमन्ना….