तर्ज,मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
तेरी मुरली की धुन सुनने, में बरसाने से आई हूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹में बरसाने से आई हूं,में बृषभानु की जाई हूं।अरे रसिया ओ मन बसिया,में इतनी दूर से आई हूं।
सुना है श्याम मनमोहन के माखन खूब चुराते हो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तुझे माखन खिलाने को मैं मटकी साथ लाई हूं।तेरी मुरली….
सुना है श्याम मनमोहन की गउवे खूब चराते हो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹तेरी गउवे चराने को में ग्वाले साथ,लाई हूं।तेरी मुरली…
सुना है श्याम मनमोहन की किरपा खूब करते हो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तेरी किरपा को पाने को में इतनी दूर से आई हुं।तेरी मुरली…