तर्ज,कानुडा लाल घडलो म्हारो
सलूना श्याम मारे कानी जोवो जी ।झूठा बहाना मत टोवो जी । सलूना…
कद को बजाऊं कान्हा थारी हजूरी। ढील दीयां मेरे नाही सबुरी। अंतर नैना बिलोवो जी । सलूना..
आख्यां दीवानी म्हारी श्याम दरस की। कालजे में म्हारे पीड़ा चसगी । मैल मनाका म्हारा धोवो जी । सलूना….
पहले तो श्याम म्हारो जीव उलझायो ।किन कारण अब नाथ भूलायो। चेत करो मत सोवो जी । सलूना…
जां दिन सूं थारी आंख लड़ी है,जान गयो तूं मीठी छुरी है।दूर न दाता महासू होवो जी। सलुना….