आज अयोध्या की गलियों में नाचे जोगी मतवाला। अलख निरंजन खड़ा पुकारे देखूंगा दशरथ लाला।
अंग विभूति रमाए बाबा, बाघमबर तन पे सोहे। जटा जूट में गंग विराजे, भक्त जनन के मन मोहे ।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙मस्तक पर श्री चंद्र विराजे, गले में सर्पों की माला ।अलख निरंजन….
शैली सिंगी लिए संग में, और डमरु त्रिशूल लिए ।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙छमक छमा छम नाचे जोगी, दर्श की मन में आस लिए।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 पग में घुंघरू छम छम बाजे, कर में जपते हैं माला ।अलख निरंजन….
राज द्वार खड़ा पुकारे, बोलत है मधुर वाणी। अपने लाल को दिखा दे मैया, जोगी ने मन में ठानी।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 लाख छुपा पर मैं ना मानू देखूंगा तेरा लाला। अलख निरंजन…
माता कौशल्या द्वारे पर आई, अपने लाल को गोद लिए ।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙अति विभोर हो शिव जोगी ने, बाल रूप के दर्श किए।🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙🌙 चले हैं सुमिरत राम नाम को, कैलाशी काशी वाला। अलख निरंजन….