तर्ज, ऐ मेरे दिले नादान
तूफानों में कश्ती, हिचकोले जब खाए ।⛵⛵बन कर के माझी तूं, ए श्याम चला आए।
हम भक्तों को कान्हा, बस तेरा सहारा है।⛵ मतलब की दुनिया में, एक तू ही हमारा है। दिनों की उलझन तुम, आकर सुलझा जाए ।तूफानों में..
जीवन की राहों में, अंधियारा जब छाता ।⛵कोई रिश्ता नहीं सूझे, कुछ नजर नहीं आता ।मेरा हाथ पकड़ कर तुम, रस्ता दिखला जाए ।तूफानों में..
इस भक्त पे मुश्किल की,जब घड़ियां आती है। बिल्कुल ना घबराऊं, जब तुमसा साथी है ।⛵संकट में मुझको तूं,जीना सिखला जाए। तूफानों में..