तर्ज,तेरे होठों के दो फूल प्यारे प्यारे
श्याम बाबा को श्रृंगार, मन भावे। खाटू वाले को दरबार, मन भावे। दुनिया का नजारा, के देखां,के देखां।
ऐंको मुखड़ा प्यारो प्यारो, एंकी आंख्यां ज्यों अमृत की प्याली। 😀😀😀😀😀😀😀ऐंके माथे मुकुट है जां पर मोरपंखीया गजब की निराली। 😀😀😀😀😀😀😀😀😀ऐंका घुंघर वाला बाल, ऐंक हीरो चमके भाल,महे चांद सितारा के देखा के देखा।श्याम बाबाको…..
यो तो बदल बदल कर पहरे, नित बागा रंग बिरंगा।😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀 कद केसरिया लाल गुलाबी कद धोला कद पचरंगा। 😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀बागो पहने घेर घुमेर, पहने थोड़ी थोड़ी देर। एक बागो दोबारा के देखा, के देखा। श्याम बाबा…
आंका मोटा मोटा गजरा, फूल कई रकम का पिरोया।😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀 ऊपर से है इत्तर छिड़के, चारों कानी से सेवक है आया।😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀महारो बाबो है शौकीन, देखया तबीयत हो रंगीन।😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀 गुलशन की बहारा, के देखा,के देखा। श्याम बाबा…
बैठयो यो दरबार लगाकर यो तो मंद मंद मुसकावे।😀😀😀😀😀😀😀😀मांगनिया ने यो ना नाटे, और प्रेम्या से प्रेम बढ़ावे। 😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀सारों बाबा को परिवार, बाबो सब पे लुटावे प्यार। अठे थारो और म्हारो के देखा के देखा।श्याम बाबा..