दरबार हजारों है,ऐसा दरबार कहां। जो श्याम से मिलता है,कहो मिलता प्यार कहां।दरबार..
जो आस लगाकर के,दरबार में आता है।🌹खाली झोली आता,भरकर ले जाता है।🌹🌹 मांगे से मिल जाए,ऐसा भंडार कहां।दरबार..
सबके मनकी बातें,बड़े ध्यान से सुनता है।🌹 फरियाद सुने बाबा,और पूरी करता है।🌹🌹 जहां सबकी सुनाई हो,ऐसी सरकार कहां।दरबार ….
कोई प्रेमी बाबा का,जब हमको मिल जाए।🌹 सब रिश्तों से बढ़कर,एक रिश्ता बन जाए।🌹 ये श्याम धनी का है,ऐसा परिवार कहां।दरबार..
भक्तों ने जो चाहा,दरबार से पाया है।🌹🌹 यही अपना सबकुछ है,संसार पराया है।🌹🌹 इसे छोड़ मेरा सपना,होगा साकार कहां।दरबार….