तर्ज,मेरी छतरी के नीचे आजा
तूं लीले चढ़कर आजा,तेरी बाट उड़ीकां घड़ी घड़ी।
भगतां दरबार सजायो है,थाने न्यूतो श्याम भिजायो है।अंतर केशर की खुशबू, २ फूलन की लटके लड़ी लड़ी। तूं लीले ……………
थारे केशर तिलक लगावांगा,चांदी को छतर चढ़ावांगा।केसरिया बागो लाया,२। थारी लाम्बी लाम्बी मोर छड़ी। तूं लीले……….
थारो छप्पन भोग बनायो है,सब भक्तों ने बुलवायो है।थाने खुश करने के खातिर,२ थारा भक्तां नाचे घड़ी घड़ी। तूं लीले……
म्हारी अर्जी सुनकर आ जाओ,भक्तों को मान बढ़ा जाओ।बनवारी दर्शन खातिर,२ अंसुवन की लागी झड़ी झड़ी। तूं लीले…..