तर्ज,देखो मटकी पे मटकी
भौत बरसां के बाद,गोद हुई है आबाद,आज जन्मे कुंवर कन्हाई री। चाला यशोदा ने देवांगा बधाई री।
भादवे की काली काली अंधियारी रात में।🎈 अष्टमी तिथि और रिमझिम बरसात में।🎈🎈 आयो नंद दुलारो,करने जग उजियारो।है yo माखन को चोर कन्हाई री।चाला यशोदा….
आश करता जशोदा की उमर गुजारगी।🎈🎈 रामजी की किरपा से आज झोली भरगी।🎈 चलो देख के आवां,गीत लाले ने सुनावां।सब सखियां आपस में बतलाई री।चाला यशोदा…
राज करेगो यो तो सबके मनुवा में।🎈🎈🎈 न्यारो नीरालो है यो कालो कनूवा में।🎈🎈सबको लाडलो होवेगो,सबके मना ने मोहेगो।सारा ऋषि मुनि बात बताई री।चाला यशोदा..
गोपियां का भेष देवी देवता बनाए है।🎈🎈 श्याम दरस को जब नैन ललचाए है।🎈🎈। इनमें आपां भी मिल जावां,गुण सांवरे का गावां। निज भाग्य की करंगा बड़ाई री।चाला यशोदा ने देवांगा बधाई री।