झुक जाओ राजकुमार झुकनो पडसी जी।झुक जाओ…
जयमाला ले हाथनमे,म्हारी सीता रही पहनाए, झुकनो पडसी जी।
म्हारी सीता छोटी सी,थे तो बड़ा घणा सिरदार। झुकनों पडसी जी।
म्हारी सीता भोली सी,थे चतुर घणा सरकार झुकनो पडसी जी।
म्हारी सीता गोरी सी,थे तो श्याम वरण रघुनाथ। झुकनो पडसी जी।
जनकपुरी की नारियां,थाने हंस हंस देवे गाल।झुकनो पडसी जी।
दूर खड़ा लक्ष्मण तके, वे तो टेढ़ी नजर पसार। झुकनो पडसी जी।
देखत देखत झुक गया, वे तो तीन लोक रा नाथ। झुकनो पडसी जी।