तर्ज, जय जय राधा रमण हरी बोल
मेरे प्यारे कन्हैया दिलदार,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार।
टेढ़ी चितवन ओ टेढ़ा मुकुट है तेरा,
टेढ़े चरणों में लगता प्रभु मन मेरा।
तिरछे नैनों में कजरे की धार,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार।
मेरे प्यारे कन्हैया दिलदार…१
पित वस्नो में लगते सुहाने सदा,
क्या कहुं श्याम प्यारी है तेरी अदा।
तेरे अधरों से बरसे वो प्यार,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार।
मेरे प्यारे कन्हैया दिलदार,
तेरी सूरत पे…।२
मुख पे मुरली ओ कानों में कुंडल तेरे,
केशर चंदन से मस्तक सजा सांवरे।
सोहे फूलों के गजरे अपार,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार।
मेरे प्यारे कन्हैया दिलदार,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार।३
भक्तों का देखकर हो गया मन मगन,
प्यारे सांवरिया तुझको हमेशा नमन।
गुण गाऊ तेरा बार बार,
तेरी सूरत पे जाऊं बलिहार।
मेरे प्यारे कन्हैया दिलदार,
तेरी सूरत पे…।४