तर्ज, हर बार तेरे दर पर नव गीत सुनाएंगे खाटू का बनूं पंछी, तेरे दर पर बसेरा हो। नित दिन दीदार करूं, जब श्याम सवेरा हो।खाटू का बनूं पंछी, तेरे दर पर बसेरा हो। नित दिन दीदार करूं, जब श्याम सवेरा हो। मैं उड़ता फ़िरू देखूं, प्रेमी की कतारो को।मैं उड़ता फ़िरू देखूं, प्रेमी की […]