तर्ज, सावन का महीना मोर छड़ी का झाड़ा, जो खाता है एक बार। उसके संग में रहता, मेरा बाबा लखदातार।मोर छड़ी का झाड़ा, जो खाता है एक बार। उसके संग में रहता, मेरा बाबा लखदातार। मोर छड़ी की जग ने, महिमा बताई। जग से जो हारा बाबा बना है सहाई।मोर छड़ी की जग ने, महिमा […]