तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है। मेरी सुनता नहीं, क्यों तुम दिल की पुकार। मैं हूं बालक तेरा, तू है मेरा दातार। इस दुखिया का तुम करतार है। इस सेवक का तु रखबार है।इस सेवक का […]