तर्ज, उड़े जब जब जुल्फे मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में। कोई दर पर आके देखो।वो तो दरस दिखाए और बंशी बजाए मंदिर में। मेरा कान्हा है मुरली वाला,वो तो रास रचाए और बंशी बजाए मंदिर में। कोई प्यार जताकर देखो।तन मन रंग जाए और बंशी बजाए मंदिर […]