श्याम सलोने तेरी छवि में ,मन मंदिर में बसाऊंगी। मान कर तुझको अपना पिया मैं, मीरा भी बन जाऊंगी। मैं राधा बनकर नाचूंगी।मैं राधा बनकर नाचूंगी।मैं राधा बनकर नाचूंगी।मैं राधा बनकर नाचूंगी। सखियों के संग पनघट पे मैं तो रास रचाऊंगी। आए कभी घर श्याम मेरे तो, राह में फूल बिछाऊंगी।सखियों के संग पनघट पे […]