भर पिचकारी कान्हा रंग लगाए, ब्रिज की गलियों में शोर मचाए।भर पिचकारी कान्हा रंग लगाए, ब्रिज की गलियों में शोर मचाए। गोपियों को भी कान्हा खूब सताए हैं।भर पिचकारी कान्हा रंग लगाए, ब्रिज की गलियों में शोर मचाए। नंद गांव से कृष्ण मुरारी, नटखट है वह बांके बिहारी।नंद गांव से कृष्ण मुरारी, नटखट है वह […]
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रंग रंगीलो फागण आयो,वृज वासींन को मन हरसायो।रंग रंगीलो फागण आयो,वृज वासींन को मन हरसायो। नन्द गाँव का ग्वाला आयो,भर पिचकारी संग में लायो।नन्द गाँव का ग्वाला आयो,भर पिचकारी संग में लायो।पटका बांध कमर पे अपने नाचे दे दे ताल।उड़े ब्रज में गुलाल,झूमे मदन गोपाल।उड़े ब्रज में गुलाल,झूमे मदन गोपाल।रंग के गौरी के गाल,झूमे मदन […]
राधा संग खेले श्याम, हो श्याम, फागुन में होली प्यारी रे।फागुन में होली प्यारी रे।फागुन में होली प्यारी रे।राधा संग खेले श्याम, हो श्याम, फागुन में होली प्यारी रे।राधा संग खेले श्याम, हो श्याम, फागुन में होली प्यारी रे। केसरिया रंग हम लाए हैं ,मिल श्याम प्रभु को लगाए हैं।केसरिया रंग हम लाए हैं ,मिल […]
मैं कर डारी रे रंगीली, मैं कर डारी रे।मैं कर डारी रे रंगीली, मैं कर डारी रे। फागण में आयो श्याम रंगीली, मैं कर डारी रे। मोपे डालो रंग तमाम रंगीली, मैं कर डारी रे।फागण में आयो श्याम रंगीली, मैं कर डारी रे। सखियन संग में बैठी , मोपे रंग चटक डारो।सखियन संग में बैठी […]
मोहे होली पे रंग दो लाल,तेरे रंग में रंगने तरस रही।मोहे रंग दो हे नंदलाल,तेरे रंग में रंगने तरस रही। मोहे रंग लगे तेरा रंग लगे, केसर और कुमकुम संग लगे।मोहे रंग लगे तेरा रंग लगे, केसर और कुमकुम संग लगे। और लगे अबीर गुलाल,तेरे रंग में रंगने तरस रही।मोहे होली पे रंग दो लाल,तेरे […]
तर्ज, कौन दिशा में लेके चला कौन जतन कर तुझको मनाऊं,कौन जतन कर तुझको मनाऊं,कौन जतन कर तुझको मनाऊं। कहीं रूठ गया मैंने कुछ ना किया, प्यारे कान्हा रे कान्हा रे।कौन जतन कर तुझको मनाऊं,कौन जतन । माना हूं मैं बड़ी भोली भाली, करती नहीं तोहै तंग हो। जब जब बजे तोरी मुरलिया, छम छम […]
धुले धुले गोरा चांद, हरि गुण गाई।धुले धुले गोरा चांद, हरि गुण गाई। आसिया वृंदावने नाचे गौरा राय।धुले धुले गोरा चांद, हरि गुण गाई।धुले धुले गोरा चांद, हरि गुण गाई। वृन्दावनेर तरूर लता, प्रेमे कोय हरि कथा।वृन्दावनेर तरूर लता, प्रेमे कोय हरि कथा।वृन्दावनेर तरूर लता, प्रेमे कोय हरि कथा।वृन्दावनेर तरूर लता, प्रेमे कोय हरि कथा।निकुंजेर […]
तर्ज ,म्हारी हथेलिया रे बीच म्हारी चुनरी रे शंख लगा दे मारा सांवरिया, लगा दे म्हारा सांवरिया, मैं थारा गुण गाउंली। सांवरिया में तो थारा गुण गाउंली।सांवरिया में तो थारा गुण गाउंली। अल्ला रे पल्ला म्हारे हीरा लगा दे। बीच माही बाग लगा दे म्हारा सांवरिया,लगा दे मारा सांवरिया, लगा दे म्हारा सांवरिया, मैं थारा […]
में तो वृंदावन जाऊंगी चाहे राखो या मारो। मैं तो गोविंद गुण गा,चाहे राखो या मारो।में तो वृंदावन जाऊंगी चाहे राखो या मारो। मैं तो गोविंद गुण गा,चाहे राखो या मारो। वृंदावन में बांके बिहारी।वृंदावन में बांके बिहारी।वृंदावन में बांके बिहारी।वृंदावन में बांके बिहारी। उनसे मैं नैना लड़ाऊंगी,चाहे राखो या मारो।में तो वृंदावन जाऊंगी चाहे […]
तर्ज, देवर मारो रे ओ हरियो रुमाल वालो रे रखड़ी घड़ाई दे रे कान्हा, घर में सारों थारो रे। दाम तो यशोदा रा लागे नाम थारो रे, कान्हो म्हारो रे।दाम तो नंद बाबा रा लागे नाम थारो रे, कान्हो म्हारो रे।कान्हो म्हारो रे यो मोर मुकुट पीतांबर वालो रे।कान्हो म्हारो रे। झुमरिया घड़ाई दे रे […]
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