तर्ज, देवर मारो रे ओ हरियो रुमाल वालो रे रखड़ी घड़ाई दे रे कान्हा, घर में सारों थारो रे। दाम तो यशोदा रा लागे नाम थारो रे, कान्हो म्हारो रे।दाम तो नंद बाबा रा लागे नाम थारो रे, कान्हो म्हारो रे।कान्हो म्हारो रे यो मोर मुकुट पीतांबर वालो रे।कान्हो म्हारो रे। झुमरिया घड़ाई दे रे […]