कब से तरसती अखियां, इन अंखियों में समाए हैं। आज बिरज में कान्हा आए हैं। नंद बाबा के आंगन में, भर के खुशियां जगाए हैं।आज बिरज में कान्हा आए हैं।आज बिरज में कान्हा आए हैं। मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया, यमुना तट पर विराजे हैं। मोर मुकुट और कान में कुंडल, हाथ में मुरली साजे है।मुरली […]