कदम कदम पर मिला है धोखा, झूठी दुनियादारी का। क्यों घबराये तुझे सहारा, तीन बाण के धारी का।क्यों घबराये तुझे सहारा, तीन बाण के धारी का। दुश्मन लाख बुरा चाहे, फिर चाहे अपने बैरी हो। वह बस तेरे प्यार के बदले, फिर चाहे घनी दुपहरी हो।दुश्मन लाख बुरा चाहे, फिर चाहे अपने बैरी हो। वह […]