गजाननं भूत गणादि सेवितं,कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।उमासुतं शोक विनाशकारकम्,नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥ ओम गन गणपतए नमो नमः ओम गन गणपतए नमः,ओम गन गणपतए नमो नमः ओम गन गणपतए नमः, तुम कहो तो चलूँ तुम कहो तो रुकूँ। है सुमिरन से भरी सांसों की ये लड़ी। गजवंदना हे दयामय, हे कृपामय, गजवंदना क्या […]