तर्ज, माइन माइन कौशल्या दशरथ के नंदन, माथे तिलक लगाएं। तीनों भैया जान लुटाए, हनुमत दिल में बिठाये। वो है रघुनंदन श्री राम।वो है रघुनंदन श्री राम।वो है रघुनंदन श्री राम।वो है रघुनंदन श्री राम। ईनके चरणों के जादू की, गाथा तुम्हें सुनाएं। छू जाए ग़र पत्थर तो, पत्थर नारी बन जाए।ईनके चरणों के जादू […]
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आई गए रघुनंदन, सजवा दो द्वार द्वार