तर्ज, मेरे रश्के कमर मैं तो हूं बेफिक्र मुझको काहे का डर, मेरी बिगड़ी बनैया मेरे साथ है। मौज ही मौज है अब तो हर रोज है, मेरा श्याम कन्हैया मेरे साथ है।मैं तो हूं बेफिक्र मुझको काहे का डर, मेरी बिगड़ी बनैया मेरे साथ है। श्याम के छत्रछाया में पलता हूं मैं। और इसके […]