ना मन में है तो ना, नमन में मिलेगा। ना पाताल में ना, गगन में मिलेगा। यह नारद की वीना कहती युगों से, ये नारद की वीणा। मेरा राम केवल भजन में मिलेगा।मेरा राम केवल भजन में मिलेगा।मेरा राम केवल। कभी ध्रुव कभी भक्त प्रहलाद द्वारे। कभी जाकर शबरी की किस्मत संवारे।कभी ध्रुव कभी भक्त […]