तर्ज, गजबान पानी ने चाली मुकुट जयपुर से है मंगवाया, साथ सोने का छत्र लाया। हाथ में चूरमे की थाली। साथ में टावर और घरवाली। फागुन का मेला नहीं मैं अकेला, कर्म में लगा के जाऊंगा। दर पर आया पहली बार, सुनके तेरी महिमा भारी। श्याम मैं खाटू में आया।श्याम मैं खाटू में आया।श्याम मैं […]