तर्ज, कुंन जाने या माया श्याम की सारे जग को सेठ सांवरो , यो बैठो तनखा बांटे रे। जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे।जितना चाहो लूट लो आकर खूब लुटावे रे। एक नजर में इसको जादू, सर चढ़कर के बोले रे। बैठो ऐसे जो जादूगर, बंद किस्मत को खोले रे।एक नजर में इसको […]