एक रात में दो दो चांद खिले एक सेहरे में एक घुंघट में।
Category: shadi geet
म्हाने नारेला रो रुख प्यारो लागे
चौराहे पर बना उड़ावे पतंग।
भैया थोड़ा लाना भात मंहगाई का जमाना।
उडी उडी रे पतंग ले के
बादलो का संग चली जाउंगी।
थारा रेशमी दुपट्टा किन धोया जी बन्ना,
चलो बना जी शहर मेरा दिल गांव में नहीं लगता है।
मैं बधाई देने को आई रे बना।
सुन ले मेरी प्यारी बन्नी सारे ऐश करा दूंगा।
हम तुम दोनों न्यारे होंगे राजा डरियो मत ना।
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