ऐ मनवा राम सुमर ले रे।
आसी तेरे काम नाम की ,
तु बालद भरले।
Category: राम भजन लिरिक्स
पालकी सोने की,मेरे राम प्रभु की आई, विराजे राघव जी, संग सीता चारों भाई
आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा, मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,
झूला लगे जनक फुलवारी,
झूले सिया सुकुमारी ना ।
राम कयो नी जाय मुख से, हरि कयो नी जाय,
रघुवर ने उठाकर धनुष को दिया तोड़,
सीता के राम रखवाले थे,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की,
श्रीराम बुला लो मुझे भी दर पर आने के काबिल नहीं हूं,
हाथ लिए धनुष वान
चढ़ चले पुष्पक विवान
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