आनंद के लुटे खजाने
भाई सतगुरु के दरबार में
Category: गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics
सतगुरु जी ने मिलवा हालो रे, सजलो ने सिंगार।
पूरा ध्यान लगा, गुरुवर दौड़े दौड़े आएंगे।
हां रे आनंद आयो रे गुरासा महापार रंग बरसायो रे,आनंद आयो रे।
हे गुरुदेव आपको क्या दूँ, वस्तु मैं उपहार में,
हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिये
म्हारा सतगुरु जाम्भाजी, म्हारा धिन गुरु जाम्भाजी।।
धीन घडी धीन भाग मारे, सतगुरु आविया रे,
बलिहारी बलिहारी म्हारे सतगुरुवां ने बलिहारी।
राम रस पीले रे पिलावें मेरे गुरु ज्ञानी,
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