तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया
मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।
श्याम भक्तों को दूंगा खजाना। जिसे चाहिए वह मुझको बताना।श्याम भक्तों को दूंगा खजाना। जिसे चाहिए वह मुझको बताना। बिना मोल मैंने खूब है लुटाया।श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।
देखो भजनों का है यह खजाना। वही लेना जो चाहते हो गाना।देखो भजनों का है यह खजाना। वही लेना जो चाहते हो गाना। इन भजनों में सांवरा समाया।श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।
खुद गाना और सबसे गवाना। नित सांवरे का नाम है गुंजाना।खुद गाना और सबसे गवाना। नित सांवरे का नाम है गुंजाना। यही भाव है मेरे मन भाया।श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।
यह भजन तो है श्याम की प्रसादी। सारे बन ही रहे इसके आदि।यह भजन तो है श्याम की प्रसादी। सारे बन ही रहे इसके आदि। यह प्रसादी रवि लेकर आया।श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।
मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।मैं तो श्याम का खजाना ले आया। श्याम भक्तों में बांटने हूं आया।