कैसे कह दूं सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है। जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।कैसे कह दूं सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है। जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।
सुख दुख दोनों कर्म के पहलू, इससे बच न सका कोई। दोनों पल मैं साथ सांवरा, इन से बड़ा ना सका कोई।सुख दुख दोनों कर्म के पहलू, इससे बच न सका कोई। दोनों पल मैं साथ सांवरा, इन से बड़ा ना सका कोई। भटकू जो मुश्किल राहों में, थामेगा विश्वास है।जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।
मां के जैसे ही यह मुझ पर, अपना प्यार लुटाता है। बाबुल के जैसे ही मेरे सर पर, हाथ फिराता है।मां के जैसे ही यह मुझ पर, अपना प्यार लुटाता है। बाबुल के जैसे ही मेरे सर पर, हाथ फिराता है। मेरा और मेरे श्याम का प्यारे ,रिश्ता बड़ा ही खास है।जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।
ज्यादा मिले मिले या थोड़ा, हर पल श्याम का शुकराना। बस एक शाम से अर्जी मेरी, जीवन भर ना बिसराना।ज्यादा मिले मिले या थोड़ा, हर पल श्याम का शुकराना। बस एक शाम से अर्जी मेरी, जीवन भर ना बिसराना। अंतिम समय में मिलन हो मेरा, इतनी सी बस आस है।जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।
कैसे कह दूं सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है। जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।कैसे कह दूं सांवरिया, मेरी सुनता नहीं अरदास है। जब भी गमों ने घेरा मैंने, पाया अपने पास है।