सुन राधिका दुलारी में, तेरे द्वार का भिखारी,
तेरे श्याम का पुजारी, एक पीड़ा है हमारी ,
हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।
देता है कन्हाई जिसे प्रेम कि दिशा,
सब विधि उसकी लेता है परीक्षा।देता है कन्हाई जिसे प्रेम कि दिशा,सब विधि उसकी लेता है परीक्षा।कभी निकट बुलाये, कभी दूरियाँ बढ़ाये,
कभी हसायें रुलाये छलिया, हाथ नहीं आये,
हमें श्याम ना मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।
देते हो कान्हा मुझे कैसी सजा। दिखती नहीं क्या तुमको मेरी दशा।देते हो कान्हा मुझे कैसी सजा। दिखती नहीं क्या तुमको मेरी दशा। नाता दुनिया से तोड़ा,रिश्ता सांवरे से जोड़ा।उसने ऐसा मुख मोड़ा हमको कही का ना छोड़ा
हमें श्याम ना मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।
सुन राधिका दुलारी में, तेरे द्वार का भिखारी,
तेरे श्याम का पुजारी, एक पीड़ा है हमारी ,
हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।हमें श्याम न मिला।