जिस गाड़ी के पीछे बाबा, होता तेरा निशान। वह गाड़ी फिर चले मोज से ,होती ना परेशान। वह गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये कहीं भी रुक ना पाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये,वो सीधी खाटू जाए।
उस गाड़ी के अंदर प्रेमी है बैठते। उस गाड़ी के अंदर इतर महकते।उस गाड़ी के अंदर प्रेमी है बैठते। उस गाड़ी के अंदर इतर महकते। उस गाड़ी में बैठकर कोई, कहीं भी जाएगा। बिगड़े से बिगड़ा सांवरिया, बन जाता है काम।वह गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये,वो सीधी खाटू जाए।
उस गाड़ी की चिंता, खाटू वाला करता। गाड़ी चलाने वाला ,कभी भी ना डरता।उस गाड़ी की चिंता, खाटू वाला करता। गाड़ी चलाने वाला ,कभी भी ना डरता। इस गाड़ी के अंदर चलते ,भजन सुबह और शाम। गाड़ी जब स्टार्ट करें तो ,बोले जय श्री श्याम।वह गाड़ी दौड़ लगाये,वो सीधी खाटू जाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये कहीं भी रुक ना पाए।
उस गाड़ी को प्रेमी, श्याम रथ कहते। लाडले है श्याम जी के, श्याम संग रहते।उस गाड़ी को प्रेमी, श्याम रथ कहते। लाडले है श्याम जी के, श्याम संग रहते। गाड़ी के स्टेरिंग पर बैठा, खाटू वाला श्याम। लेने आते लेकर जाते, मित्तल खाटू धाम।वह गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये,वो सीधी खाटू जाए।
जिस गाड़ी के पीछे बाबा, होता तेरा निशान। वह गाड़ी फिर चले मोज से ,होती ना परेशान। वह गाड़ी दौड़ लगाये, कहीं भी रुक ना पाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये कहीं भी रुक ना पाए।वह गाड़ी दौड़ लगाये,वो सीधी खाटू जाए।