दोहा,दाता दरबार तेरा,दरबार तेरा संसार मेरा।
तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।कही अनकही सुन दरकार,कृपा कर मेरे सरकार।तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।
आंखे तेरे दरस बिन,अंधियारी हो रही है। इन पर तरस तो खाओ, मतवारी हो रही है। एक नाम ही सहारा, जप ना मगन गुजारूं। मेरी नजर ना लग जाए ,काजल से नजर उतारू। मेरे अंगना की तु ही है बहार, कृपा कर मेरे सरकार।तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।
तुझसे ही दिन रात यह चलते, तुझसे चलते काम। कृपा का सागर तूं है दाता,लूं में तेरा नाम।तुझसे ही दिन रात यह चलते, तुझसे चलते काम। कृपा का सागर तूं है दाता,लूं में तेरा नाम।
पथरा रहा है हृदय मेरा, तुझे खुद से दूर पाके। सुख स्वर्ग काम में पाऊं, तुझको गले लगा के। तेरा हो जो इशारा, सांसे मैं वार जाऊं। तू ही तो धन है असली, सब नकली हार जाऊं। तेरी सेवा ही मेरा कारोबार, कृपा कर मेरे सरकार।तेरी सेवा ही मेरा कारोबार, कृपा कर मेरे सरकार।तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।
तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।कही अनकही सुन दरकार,कृपा कर मेरे सरकार।तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।तेरे चरणों की धूल हूं मैं यार,कृपा कर मेरे सरकार।
तुझसे ही दिन रात यह चलते, तुझसे चलते काम। कृपा का सागर तूं है दाता,लूं में तेरा नाम।तुझसे ही दिन रात यह चलते, तुझसे चलते काम। कृपा का सागर तूं है दाता,लूं में तेरा नाम।