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ekadhshi भजन

Pipal ki parikrama lagao a Sakhi,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी,ekadashi bhajan

व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

अपने हरी से अरज करती हूं।अपने हरी से अरज करती हूं।अब मने प्यास लागी ओ हरी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

कोरा कोरा कलश भरा धरिया  है।कोरा कोरा कलश भरा धरिया  है। पिलाया है तो पियो ए सखी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

अपने हरी से अरज करती हूं।अपने हरी से अरज करती हूं।अब मने भूख लागी ओ हरी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

छप्पन भोग बनया धरिया है।छप्पन भोग बनया धरिया है। जीमाया है तो जीमो ए सखी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

अपने हरी से अरज करती हूं।अपने हरी से अरज करती हूं।अब मने गर्मी लागी ओ हरी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

कूलर पंखा तैयार धरा है।कूलर पंखा तैयार धरा है। दिया है तो लेओ ए सखी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

अपने हरी से अरज करती हूं।अपने हरी से अरज करती हूं।अब मने सर्दी लागी ओ हरी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

साल दुशाला धरिया पड़या है।साल दुशाला धरिया पड़या है। ओढ़ाया है तो ओढ़ो ए सखी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

अपने हरी से अरज करती हूं।अपने हरी से अरज करती हूं। अब मैं पाछी भेजो ए हरि,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

रहने आया वापस नहीं जाए।रहने आया वापस नहीं जाए। अब तुम्हें यही रहना पड़सी,पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।व्रत करो नी बायां एकादशी, पीपल की परिक्रमा लगाओ ए सखी।

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