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श्याम भजन लिरिक्स

Hath kabhi dekhe nahi fir bhi sar pe firata hai,सांवरिया आता है सांवरिया आता है,shyam bhajan

हाथ कभी देखे नहीं, फिर भी सर पे फिराता है।हाथ कभी देखे नहीं, फिर भी सर पे फिराता है।पांव कभी देखे नहीं फिर भी दौड़ा आता है। हर पल मेरे संग में रहता, यह एहसास कराता है। सांवरिया आता है सांवरिया आता है।सांवरिया आता है सांवरिया आता है।

न जाने किस भेष में, सांवरिया मिल जाता है। जो सोचा मैंने दिल में, काम वही हो जाता है।न जाने किस भेष में, सांवरिया मिल जाता है। जो सोचा मैंने दिल में, काम वही हो जाता है। गम के बादल जब जब छाए ,यह छतरी बन जाता है।सांवरिया आता है सांवरिया आता है।सांवरिया आता है सांवरिया आता है।

जहां भी जाता हूं मुझको, मिलता एक इशारा है। मेरे आगे बढ़ाने में, खेल इसी का सारा है।जहां भी जाता हूं मुझको, मिलता एक इशारा है। मेरे आगे बढ़ाने में, खेल इसी का सारा है। केवट बनकर जीवन नैया यहीं पार लगाता है।सांवरिया आता है सांवरिया आता है।सांवरिया आता है सांवरिया आता है।

कीर्तन के चलते मुझको ,सेवा मिली है श्याम की। प्राणों से प्यारी लगती, माटी खाटू धाम की।कीर्तन के चलते मुझको ,सेवा मिली है श्याम की। प्राणों से प्यारी लगती, माटी खाटू धाम की। श्याम कहे जो माथे लगाकर ,अर्जी दर पर लगता है।

हाथ कभी देखे नहीं, फिर भी सर पे फिराता है।हाथ कभी देखे नहीं, फिर भी सर पे फिराता है।पांव कभी देखे नहीं फिर भी दौड़ा आता है। हर पल मेरे संग में रहता, यह एहसास कराता है। सांवरिया आता है सांवरिया आता है।सांवरिया आता है सांवरिया आता है।

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