तर्ज,घड़लों थाम ले देवरिया
आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी। मोर छड़ी काटे संकट की घड़ी।आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।
दूर करें ये मन की निराशा।दूर करें ये मन की निराशा। यह लगाती है पल में, खुशियों की झड़ी।झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।
अटके यह सारे काम बनाती।अटके यह सारे काम बनाती। रहती है तैयार जब जरूरत पड़ी।झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।
मोर छड़ी की महिमा है भारी।मोर छड़ी की महिमा है भारी। कुंदन करती करामात, तोड़े बाधा की घड़ी।झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।
आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी। मोर छड़ी काटे संकट की घड़ी।आए जब संकट की ,कभी जो घड़ी। झाड़ा देती सांवरे की, मोर छड़ी।