Categories
हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

godi me Hanuman le liya mane mukh se rat li mala,गोदी में हनुमान ले लिया मैंने मुख से रट ली माला,balaji bhajan

गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।

जा ए अंजना पानी भरलया, बिना नेजू बिना बाल्टी।जा ए अंजना पानी भरलया, बिना नेजू बिना बाल्टी। ए इब मरना हो गया मेरी जान मरण में आई।कुएं में ते नागिन बोली, मत रोवे बहन मां जाई। ए तेरा पानी भर दूं ,बिना नेजू बिना बाल्टी।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।

जाए अंजना लकड़ी काटलया, बिना रस्सी बिना कुल्हाड़ी।जाए अंजना लकड़ी काटलया, बिना रस्सी बिना कुल्हाड़ी।ए इब मरना हो गया मेरी जान मरण में आई। जंगल में के पेड़ न्यू बोले,मत रोवे बहन मां जाई। एक तने लकड़ी दे दूं बिना रस्सी बिना कुल्हाड़ी।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।

जा ए अंजना चावल काट ले, बिना उखल बिना मूसली।जा ए अंजना चावल काट ले, बिना उखल बिना मूसली।ए इब मरना हो गया मेरी जान मरण में आई। महला में ते चिड़िया बोली,मत रोवे बहन मां जाई। ए तेरे चावल काट दूं बिना उखल बिना मूसली।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।

अंजना के हनुमान होया था,बा बहुत घनी दुख पाई।अंजना के हनुमान होया था,बा बहुत घनी दुख पाई। जंगल में फिर भटकती उन्हें, बन में कुटिया बनाई। सुन लो यह बहन सारी सुन लो, धर्म करियो मन में समाई।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।

गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।गोदी में हनुमान ले लिया मैंने, मुख से रट ली माला।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।ए ना बहन दूसरी, ना मां का जय वीरा।

Leave a comment