तर्ज, मनिहारी का भेष बनाया
मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है।
मेरी सुनता नहीं, क्यों तुम दिल की पुकार। मैं हूं बालक तेरा, तू है मेरा दातार। इस दुखिया का तुम करतार है। इस सेवक का तु रखबार है।इस सेवक का तु रखबार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है।
झूठी दुनिया का तो, झूठा दस्तूर है। मेरे बाबा भला, तू भी क्यों दूर है।झूठी दुनिया का तो, झूठा दस्तूर है। मेरे बाबा भला, तू भी क्यों दूर है। तेरे दर्शन की करुण पुकार है।इस सेवक का तु रखबार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है।
एक तेरा सहारा है श्याम मुझे। तेरे चरणों में सारा संसार है झुके।एक तेरा सहारा है श्याम मुझे। तेरे चरणों में सारा, संसार है झुके। मेरे जीवन का तुमसे सार है।इस सेवक का तु रखबार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है।
पूछे सेवक का मर्म, तू क्यों अनजान है। चड्ढा वर्मा के सर ,तेरा परवान है।पूछे सेवक का मर्म, तू क्यों अनजान है। चड्ढा वर्मा के सर ,तेरा परवान है। मेरा तुझ में बसा संसार है।इस सेवक का तु रखबार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है।
मेरे श्यामा तु लखदातार है। इस जीवन का तु रखवार है।मेरे श्यामा तु लखदातार है।इस सेवक का तु रखबार है।